कमांडो कैसे बने और कमांडो ट्रेनिंग
परिचय
Introduction
कमांडो के पद को सब से सम्मानजनक पदों में एक माना जाता है। बता दें कि कमांडो पुलिस और रक्षा बलों की स्पेशल फ़ोर्स होती है। लेकिन इस पद को पाना इतना आसान नहीं होता है। इसे पाने के लिए आपको एलिजिबल होना जरुरी है और इतना ही नहीं आपकी शारीरिक तौर पर भी परीक्षा ली जाती है। लेकिन शुरुआत में ही कमांडों की पोस्ट नहीं मिल जाती बल्कि इसके लिए पहले आर्मी में सोल्जर या ऑफिसर के रूप में ही नियुक्ति मिलती है। आपको इंडियन आर्मी द्वारा समय समय पर जारी किए गए कमांडो भर्ती के नोटिफिकेशन पर भी नजर रखनी होगी। सोल्जर या ऑफिसर कमांडो बनने के लिए उम्मीदवार को 6 महीने की ट्रेनिंग भी लेनी होती है। यह ट्रेनिंग स्पेशल फोर्सेस रेजिमेंट में होती है।
स्पेशल फोर्स के जवानों को रूह कंपा देने वाले सैन्य अभ्यास के कठिन दौर से गुजरना पड़ता है। प्रशिक्षण के दौरान ये जवान न केवल अपनी तकनीक और युद्ध कौशल को संवारते हैं बल्कि विपरीत परिस्थितियों में जीवित रहने के गुर भी सीखते हैं।यूं तो भारतीय थलसेना की एलीट कमांडो फोर्स पैरा रेजीमेंट की स्थापना आजादी से पहले साल 1941 में ही हो गई थी। लेकिन 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के बाद एक स्पेशल कमांडो यूनिट की जरूरत महसूस की गई।
एक जुलाई 1966 को भारतीय सेना की पहली स्पेशल फोर्स 9 पैरा यूनिट की स्थापना की गई। इसका बेस ग्वालियर में बनाया गया। इसके एक साल बाद पैरा कमांडो की दूसरी यूनिट को स्थापित किया गया जिसे राजस्थान में तैनात किया गया।
कैसे होता है चुनाव
सेना में कमांडो (पैरा, घातक) बनने के लिए चयन सेना की विभिन्न रेजिमेंट्स में से ही होता है। इनका अनुपात 10 हजार में से एक का होता है मतलब पैरा या घातक स्पेशल फोर्स में शामिल होने के लिए 10 हजार में से एक जवान का चयन होता है। पैरा स्पेशल फोर्स बनने के लिए आवेदन जवान की इच्छा पर निर्भर करता हैKuch Mil Gya, पर आप पढ़ रहे है : Commando Kaise Bne - Commando Training -in Hindi
रूह कंपा देने वाली ट्रेनिंग के बाद बनते हैं कमांडो
वैसे तो सभी कमांडो यूनिट अपने-अपने जवानों के ट्रेनिंग के लिए लगभग एक से पैटर्न को ही अपनाते हैं। जैसे पैरा कमांडो बनने के लिए 90 दिनों की कठिन ट्रेनिंग दी जाती है। इसकी कठिनाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ ही सैनिक इसे सफलतापूर्वक पूरा कर पाते हैं।इस प्रशिक्षण के दौरान जवानों के मानसिक, शारीरिक क्षमता और इच्छाशक्ति का जबरदस्त इम्तिहान लिया जाता है। इसके दौरान दिनभर में जवानों को पीठ पर 30 किलो सामान जिसमें हथियार व अन्य जरूरी साजो-सामान शामिल होते हैं उसे उठाकर 30 से 40 किमी की दौड़ लगाना होता है।इसके अलावा इन जवानों को तरह-तरह के हथियारों को चलाना और बमों-बारूदी सुरंगों का प्रयोग आदि सिखाया जाता है। जवानों को ट्रेनिंग के दौरान 36 घंटे जिसमें भूखे पेट बिना सोए एक मिशन को अंजाम देना होता है।
आर्मी में सोल्जर भर्ती के लिए इलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
भारतीय सेना या इंडियन आर्मी में सोल्जर के रूप में भर्ती होने के लिए आपको 10वीं पास या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए. इस योग्यता में किसी भी जाति या श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाती है. सोल्जर के पदों के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 23 वर्ष है. आई साइट नॉर्मल (6/6) और बिना किसी भी प्रकार की त्रुटि के होनी चाहिए. सोल्जर पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए और हाइट न्यूनतम 157 सेंटीमीटर होनी चाहिए.
हाथ-पैर बांधकर तैरना
छलांग लगाने में माहिर होते हैं पैरा एसएफ
दुश्मन को मार गिराने में माहिर है घातक फोर्स
Kuch Mil Gya, पर आप पढ़ रहे है : Commando Kaise Bne - Commando Training -in Hindi
गरुड़ कमांडो का जवाब नहीं
कोबरा कमांडो: इनसे सीखिए जंगल में जिंदा रहने के गुर
भारतीय स्पेशल फोर्सेज के हथियार
- ग्लॉक-17, बैरोटा-92 और 1ए 9 एमएम सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल
- हैकलर और कोच एमपी5, 1ए एसएमजी सब मशीनगन
- माइक्रो यूजी 9एमएम सब मशीनगन
- टीएआर-21 टावोर असॉल्ट रायफल
- एम4ए1 -कार्बाइन
- एमपीआई केएमएस-72-असॉल्ट रायफल
- पीएम एमडी-90 असॉल्ट रायफल
- वीएजेड-58 असॉल्ट रायफल
ये हथियार भी हैं स्पेशल फोर्सेज की पसंद
- एसवीडी ड्रगोनोव सेमी ऑटोमैटिक स्नाइपर रायफल
- आईएमआई गलिल स्निपर ऑटोमैटिक स्नाइपर रायफल
- मऊसेर एसपी 66 बोल्ट एक्शन स्नाइपर रायफल
- पीकेएम लाइट मशीनगन
- यूके वीजेड-59एल लाइट मशीनगन
- एमजी 2ए1 जनरल पर्पज मशीनगन
- एजीएस ऑटोमैटिक ग्रेनेड लांचर
- बी-300 शीपोन 82 एमएम रॉकेट लांचर
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कमांडो कैसे बनें।
How to become a commando.
12वीं के बाद कमांडो बनने के पहले रक्षा सेनाओं में आप इन सब कोर्स में से एक चुन सकते हैं।- टेक्निकल इंट्री स्कीम
- नेवी
- आर्मी
- एयर फोर्स
- मिलिट्री
- आर्मी में सोल्जर भर्ती के लिए क्या होनी चाहिए एलिजिबिलिटी
- 10वीं पास या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण
- आई साइट नॉर्मल (6/6)
- कैंडिडेट को भारत का नागरिक होना चाहिए
- न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष
- हाइट न्यूनतम 157 सेंटीमीटर
रक्षा सेनाओं में 12वीं के बाद ऑफिसर्स एंट्री
कमांडो ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट:
- क्वार्टर बैटल ट्रेनिंग
- गार्ड कमांडो फोर्स नई दिल्ली
- एयर फोर्स एकेडमी डुंडीगल
- अनआर्म्ड एवं कमांडो कंबाट एकेडमी
- दी काउंटर इंसर्जेंसी एवं जंगल वेलफेयर स्कूल मिजोरम
- कमांडो ट्रेनिंग एकेडमी हैदराबाद
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