Menu

Drona Shiv Temple Shivbadi Gagret :-  इतिहास , कैसे पहुंचे |

Drona Shiv Temple Shivbadi Gagret :- इतिहास , कैसे पहुंचे |

  •  ऐसा मंदिर, जहां बालक बनकर खेलने आते थे भगवान शिव
Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-gagret-himachal-pradesh-history-how-to-reach
Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-Gagret
Khurwal World - News In Hindi
Devotional

Drona Shiv Mandir Gagret

Drona Shiv Temple Shivbadi Gagret :- ये भगवान भोलेनाथ का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां शिवशंकर भगवान कभी बालक रूप में खेलने आते थे। भोलेनाथ भगवान ने एक कन्या की मनोकामना पूरी करने के लिए यह रूप लिया था। यह कन्या कोई आम कन्या नहीं थी। आइए जानते हैं।



हिमाचल के ऊना स्थित इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इसे पांडवों के समय स्‍थापित किया गया था। सोमभद्रा नदी के किनारे जंगल में स्थित भगवान शिव के इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह कभी गुरु द्रोणाचार्य की नगरी हुआ करता था। ये भी जरूर देखें :-  Bajreshwari Mata Temple Kangra :- इतिहास, आरती का समय, कथा

Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-gagret-himachal-pradesh-history-how-to-reach
Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-Gagret

यहीं पर वह पांडवों को धनुर्विद्या सिखाते थे। मान्यता है कि गुरु द्रोणाचार्य रोज यहां से कैलाश पर्वत पर शिव जी की आराधना के लिए जाते थे। उनकी एक पुत्री थी जिसका नाम जज्याति था।

Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-gagret-himachal-pradesh-history-how-to-reach
Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-Gagret

कहते हैं कि एक बार बेटी ने पिता से पूछा कि वह रोज पर्वत पर क्या करने जाते हैं? तो गुरु द्रोणाचार्य ने कहा कि वह शिव की आराधाना करने के लिए वहां जाते हैं। एक दिन जज्याति भी उनके साथ जाने की जिद करने लगी।

इस पर गुरु द्रोणाचार्य ने कहा कि वह अभी छोटी है। इसलिए वह घर पर ही शिव की आराधना करें। मासूम जज्याति ने शिवबाड़ी में ही मिट्टी का शिवलिंग बना लिया और उसकी पूजा करने लगी। उसकी निस्वार्थ तपस्या देख भगवान शिव बालक के रूप में रोजाना उसके पास आने लगे और उसके साथ खेलने लगे।बाद में जज्याति ने यह बात अपने पिता को बताई। अगले दिन गुरु द्रोणाचार्य कैलाश पर्वत पर न जाकर वहीं पास में छिप कर बैठ गए। जैसे ही वह बालक जज्याति के साथ खेलने पहुंचा तो गुरु द्रोणाचार्य उस बालक के प्रकाश को देख कर समझ गए कि यह तो साक्षात भगवान शिव हैं। ये भी जरूर देखें  :-    कितना जानते है शिव शंकर महादेव महाकाल के बारे में।

Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-gagret-himachal-pradesh-history-how-to-reach
Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-Gagret

गुरु द्रोणाचार्य बालक के चरणों में गिर गए और भगवान ने साक्षात उन्हें दर्शन दे दिए। भगवान ने कहा कि यह बच्ची उनको सच्ची श्रद्धा से बुलाती थी इसलिए वह यहां पर आ जाते थे। बाद में जज्याति ने भगवान शिव से वहीं रहने की जिद कर डाली।

Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-gagret-himachal-pradesh-history-how-to-reach
Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-Gagret

उसकी जिद पर भगवान शिव ने स्वयं वहां पिंडी की स्थापना की और वचन दिया कि हर वर्ष बैसाखी के दूसरे शनिवार यहां पर विशाल मेला लगा करेगा और उस दिन वह इस स्थान पर विराजमान रहा करेंगे। तत्पश्चात इस मंदिर की स्थापना हुई। ये भी जरूर देखें  :-    Shravan 2020 :- पवित्र महीने के दौरान न करें ये 7 काम, हो सकते है भोलेबाबा नाराज।
Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-gagret-himachal-pradesh-history-how-to-reach
Drona-Shiv-Temple-Shivbadi-Gagret

हिमाचल के ऊना स्थित इस मंदिर में बैसाखी के बाद आने वाले दूसरे शनिवार को वह दिन माना जाता है जब भगवान शिव पूरा दिन यहां रह कर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। कहा जाता है कि शिवबाड़ी में पहले भूत-प्रेतों का वास था। बलदेव गिरि जी ने यहां पर घोर तप करके इस शिवबाड़ी को अपने मंत्रों से कील दिया था।


Khurwal World  साथ जुड़ने और नयी ख़बरों के लिए हमें सब्सक्राइब करना मत भूलें।  और कमंट करके अपनी राय हमारे साथ जरूर शेयर करें। 
Khurwal World अब टेलीग्राम पर है। हमारे चैनल ( @kuchmilgya ) से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज़ पाएं।


Tags :- #Drona Shiv Temple Shivbadi Gagret #Drona Shivbadi Gagret #Drona Shiv Temple Gagret #himachal Temples

Ads middle content1

Ads middle content2